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Shab a barat me roza ki pyari fazilat

 

शब-ए-बारात को इस्लाम में एक बरकत वाली रात माना जाता है और इस दिन रोजे रखने पर काफी जोर दिया जाता है। हालाँकि, शब-ए-बारात की रात को उपवास की अवधारणा इस्लामी न्यायशास्त्र में एक विवादास्पद मुद्दा है। कुछ विद्वान इस रात को उपवास करना उचित मानते हैं, जबकि अन्य इसे आवश्यक नहीं मानते हैं।


कुरान में शब-ए-बारात के रोजे का सीधा जिक्र नहीं है, लेकिन कई हदीसों में इस रात की बरकतों का जिक्र है। कुछ हदीसों के अनुसार इस रात को अल्लाह अपने बन्दों के गुनाहों को माफ़ कर देता है और आने वाले साल के लिए उनका नसीब लिखता है। इसलिए, कई मुसलमान इस रात को प्रार्थना, कुरान की तिलावत और अन्य धार्मिक गतिविधियों के साथ मनाते हैं।


अंत में, जबकि शब-ए-बारात पर उपवास करने का कोई विशेष दायित्व नहीं है, इस्लाम में इसे एक धन्य रात माना जाता है, और कई मुसलमान उपवास सहित धार्मिक गतिविधियों के साथ इसका पालन करना चुनते हैं

Ammen 

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